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हावर्ड गार्डनर का बहुबुद्धि सिद्धांत

 हावर्ड गार्डनर का बुद्धि का सिद्धांत, जिसे "बहु बुद्धि सिद्धांत" भी कहा जाता है, यह मानता है कि बुद्धि एक एकल, मापने योग्य इकाई नहीं है, बल्कि यह कई अलग-अलग क्षमताओं का समूह है।इनमें से कोई बुद्धि किसी कारणवश क्षतिग्रस्त हो भी जाय तो उसका प्रभाव दूसरी बुद्धि पर नहीं पड़ता है। गार्डनर ने 10 प्रकार की बुद्धि की पहचान की है,जिनमें से प्रथम सात का प्रतिपादन 1983 ई० में किया और 90 के दशक में शोध कर तीन नई प्रकार की बुद्धियों की खोज की :

  • भाषाई बुद्धि: भाषा को समझने, सीखने और उपयोग करने की क्षमता।

  • तार्किक-गणितीय बुद्धि: तर्क, समस्या-समाधान और गणितीय अवधारणाओं को समझने की क्षमता।

  • स्थानिक बुद्धि: वस्तुओं को देखने, समझने और उनमें हेरफेर करने की क्षमता।

  • शारीरिक-गतिशील बुद्धि: शरीर को नियंत्रित करने और समन्वय करने की क्षमता।

  • संगीत बुद्धि: संगीत को सुनने, समझने और बनाने की क्षमता।

  • अंतःवैयक्तिक बुद्धि: दूसरों की भावनाओं को समझने और उनसे संबंध बनाने की क्षमता।

  • अंतर्निहित बुद्धि: अपनी भावनाओं और विचारों को समझने की क्षमता।

  • प्राकृतिक बुद्धि: प्रकृति को समझने और उससे जुड़ने की क्षमता

  • आध्यात्मिक बुद्धि (spiritual intelligence): ऐसी क्षमता जिससे व्यक्ति अपने विकास में अध्यात्म की भूमिका को समझने की कोशिश करता है।

  • अस्तित्त्ववादी बुद्धि (existential intelligence) : जीवन के अर्थ और अंतिम सत्य को समझने का प्रयास करने वाली बुद्धि

गार्डनर का सिद्धांत निम्नलिखित बातों पर बल देता है:

  • बुद्धि विविध है: बुद्धि एक ही क्षमता नहीं है, बल्कि यह कई अलग-अलग क्षमताओं का समूह है।

  • बुद्धि गतिशील है: बुद्धि समय के साथ बदल सकती है और विकसित हो सकती है।

  • बुद्धि व्यक्तिगत है: प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अनूठी बुद्धि प्रोफ़ाइल होती है।

  • बुद्धि सीखी जा सकती है: बुद्धि को विकसित और बढ़ाया जा सकता है।

गार्डनर का सिद्धांत शिक्षा और मनोविज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है। यह शिक्षकों को छात्रों को उनकी व्यक्तिगत बुद्धि प्रोफाइल के अनुसार शिक्षित करने में मदद करता है। यह मनोवैज्ञानिकों को लोगों की बुद्धि को अधिक व्यापक तरीके से समझने में मदद करता है।

हावर्ड गार्डनर का जीवन परिचय:

जन्म: हावर्ड गार्डनर का जन्म 11 जुलाई 1943 को पेंसिल्वेनिया, संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था।

शिक्षा: उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

कार्य: गार्डनर हार्वर्ड विश्वविद्यालय में शिक्षा के प्रोफेसर हैं। वह "प्रोजेक्ट जीरो" के संस्थापक और निदेशक भी हैं, जो शिक्षा और मानव विकास पर शोध करने वाला एक केंद्र है।


पुरस्कार और सम्मान: गार्डनर को उनके कार्यों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जिनमें मैकआर्थर फैलोशिप और गुगेनहेम फैलोशिप शामिल हैं।

प्रभाव: गार्डनर का सिद्धांत शिक्षा और मनोविज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है। यह शिक्षकों को छात्रों को उनकी व्यक्तिगत बुद्धि प्रोफाइल के अनुसार शिक्षित करने में मदद करता है। यह मनोवैज्ञानिकों को लोगों की बुद्धि को अधिक व्यापक तरीके से समझने में मदद करता है।

गार्डनर के अन्य योगदान:

  • उन्होंने "फ्रेम ऑफ माइंड" नामक पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होंने बुद्धि के विभिन्न प्रकारों का वर्णन किया है।

  • उन्होंने "गुड वर्क" नामक पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होंने लोगों को उनकी बुद्धि का उपयोग करके अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

  • उन्होंने "द अनस्कूल्ड माइंड" नामक पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होंने बच्चों की बुद्धि के बारे में लिखा है।

निष्कर्ष: हावर्ड गार्डनर एक प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक हैं जिन्होंने बुद्धि की हमारी समझ में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका बहु बुद्धि सिद्धांत शिक्षा और मनोविज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल रहा है।


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