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अधिकार शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) अधिनियम, 2009 के तहत शिक्षकों की भूमिका

  RTE (राइट टू एजुकेशन) अधिनियम, 2009 की आवश्यकता कई कारणों से पड़ी: 1. शिक्षा की पहुंच और समानता: भारत में शिक्षा की पहुंच और समानता की कमी को दूर करने के लिए RTE अधिनियम लाया गया। 2. शिक्षा का अधिकार: इस अधिनियम ने 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया। 3. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: RTE ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई प्रावधान किए। 4. शिक्षा में भेदभाव को समाप्त करना: इस अधिनियम ने शिक्षा में भेदभाव को समाप्त करने का प्रयास किया। 5. आर्थिक और सामाजिक असमानता को दूर करना: RTE ने आर्थिक और सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए शिक्षा को एक महत्वपूर्ण साधन बनाया। 6. संविधान के अनुच्छेद 21-A की पूर्ति: RTE अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 21-A की पूर्ति करता है, जो 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है। इन कारणों से RTE अधिनियम, 2009 भारत में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। अधिकार शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) अधिनियम, 2009 के तहत शिक्षकों की भूमिका अधिकार शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) अधिनियम, 2009 के तहत, भारत मे...

What are the qualities of an ideal teacher?

 एक आदर्श शिक्षक की विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं: 1. **ज्ञान का भंडार**: एक आदर्श शिक्षक के पास विषय का गहन ज्ञान होना चाहिए। वह अपने छात्रों को उनके विषय में पूर्ण जानकारी देने के लिए सक्षम होना चाहिए। 2. **समर्पण और धैर्य**: शिक्षक को अपने पेशे के प्रति समर्पित होना चाहिए और धैर्य रखना चाहिए। उसे छात्रों की समस्याओं को समझने और उन्हें सुलझाने में सक्षम होना चाहिए। 3. **संवाद कौशल**: आदर्श शिक्षक के पास अच्छे संवाद कौशल होने चाहिए। वह छात्रों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद कर सके और उनके सवालों का उत्तर दे सके। 4. **प्रेरणादायक**: शिक्षक को छात्रों को प्रेरित करने की क्षमता होनी चाहिए। वह उन्हें आगे बढ़ने, नई चीजें सीखने और अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने के लिए प्रेरित कर सके। 5. **न्यायपूर्ण और सहानुभूतिपूर्ण**: आदर्श शिक्षक सभी छात्रों के साथ समानता और निष्पक्षता से व्यवहार करता है। उसे सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए और छात्रों की भावनाओं को समझना चाहिए। 6. **अनुशासनप्रिय**: शिक्षक को अनुशासन में विश्वास रखना चाहिए और उसे अपने छात्रों में अनुशासन बनाए रखने में सक्षम होना चाहिए, जिससे शिक्...

किंडरगार्टन शिक्षा पद्धति

             प्राइवेट स्कूलों में स्टैंडर्ड 1 से पहले दो या तीन कक्षाएँ होती हैं जिन्हें क्रमशः नर्सरी ,के० जी० 1 और के० जी० 2 के नाम से जानते हैं। लेकिन बहुत सारे लोग KG का फुलफॉर्म नहीं जानते। तो आइये जानते हैं पूरी बात।                              किंडरगार्टन शिक्षा पद्धति की खोज फ्रेडरिक फ्रॉबेल (Friedrich Froebel) ने की थी। फ्रॉबेल एक जर्मन शिक्षाशास्त्री थे, जिन्होंने 1837 में पहला किंडरगार्टन स्थापित किया। फ्रॉबेल का मानना था कि बच्चों को प्राकृतिक और सहज रूप से सीखने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने बच्चों के लिए एक ऐसा वातावरण तैयार किया जहाँ वे खेल और गतिविधियों के माध्यम से स्वतंत्र रूप से सीख सकें। फ्रॉबेल ने "किंडरगार्टन" शब्द का निर्माण दो जर्मन शब्दों " किंडर" (Kinder) जिसका अर्थ है "बच्चे" और "गार्टन" (Garten) जिसका अर्थ है "उद्यान" से किया था। इसका तात्पर्य था कि बच्चों को एक सुरक्षित और प...

बच्चों में संवेगात्मक विकास :John Bowlby theory

  Q. बच्चों में संवेगात्मक विकास के संदर्भ में जॉन बाल्बी का सिद्धांत क्या है ? Ans. जॉन बाल्बी (John Bowlby) एक प्रमुख ब्रिटिश प्रारंभिक बाल विकास अध्येता थे जिन्होंने 'आसक्ति सिद्धांत' (Attachment Theory) को विकसित किया। यह सिद्धांत बच्चों के संवेगात्मक विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। आसक्ति सिद्धांत के अनुसार, बच्चे अपने प्राथमिक देखभालक (अक्सर माता-पिता) के साथ गहरे आसक्ति की आवश्यकता महसूस करते हैं। इस संवेगात्मक आसक्ति के तत्व बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बाल्बी के सिद्धांत के अनुसार, इस आसक्ति का निर्माण चार मुख्य प्रक्रियाओं के माध्यम से होता है: आसक्ति के बोंडिंग (Attachment Bonding): बच्चे एक स्थिर, नियमित और आस्तिक रिश्ता बनाते हैं अपने प्राथमिक देखभालक के साथ। यह रिश्ता सुरक्षित और आत्मविश्वास के भावनात्मक माध्यम के रूप में काम करता है। आसक्ति के स्थिरीकरण (Attachment Consolidation): इसमें बच्चे अपने प्राथमिक देखभालक के साथ आसक्ति को अधिक स्थिर बनाने के लिए नवीनतम अनुभवों का आधार बनाते हैं। आसक्ति की प्रतिरक्षा (Attachment Resistance): बाल्बी ...

सीखने का अंतर्दृष्टि सिद्धांत : वोल्फगैंग कोहलर

  सीखने का अंतर्दृष्टि सिद्धांत क्या है ?इसके प्रवर्तक कौन हैं ? अंतर्दृष्टि सिद्धांत मनोविज्ञान का एक सिद्धांत है जो सीखने की प्रक्रिया को समझाने का प्रयास करता है। यह सिद्धांत मानता है कि सीखना अचानक और सहज होता है, और यह अनुभव और तर्क के माध्यम से होता है। अंतर्दृष्टि सिद्धांत के मुख्य बिंदु: अंतर्दृष्टि: यह सीखने का एक अचानक और सहज तरीका है। समझ: यह सीखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अनुभव: यह सीखने के लिए आवश्यक है। तर्क: यह सीखने के लिए आवश्यक है। अंतर्दृष्टि सिद्धांत के प्रवर्तक: वोल्फगैंग कोहलर: जर्मन मनोवैज्ञानिक, जिन्होंने 1920 के दशक में इस सिद्धांत को विकसित किया था। कोर्ट कोफ्का: जर्मन मनोवैज्ञानिक, जिन्होंने कोहलर के साथ काम किया था। कार्ल डंकन: अमेरिकी मनोवैज्ञानिक, जिन्होंने इस सिद्धांत को आगे विकसित किया। उदाहरण: एक बंदर एक पहेली को हल करता है: एक बंदर को एक केले तक पहुंचने के लिए एक पहेली को हल करने के लिए रखा गया है। वह कई बार असफल प्रयास करता है, लेकिन फिर अचानक, उसे पता चलता है कि पहेली को कैसे हल किया जाए। वह पहेली को जल्दी से हल करता है और केले तक पहुंच...

हावर्ड गार्डनर का बहुबुद्धि सिद्धांत

  हावर्ड गार्डनर का बुद्धि का सिद्धांत, जिसे "बहु बुद्धि सिद्धांत" भी कहा जाता है, यह मानता है कि बुद्धि एक एकल, मापने योग्य इकाई नहीं है, बल्कि यह कई अलग-अलग क्षमताओं का समूह है। इनमें से कोई बुद्धि किसी कारणवश क्षतिग्रस्त हो भी जाय तो उसका प्रभाव दूसरी बुद्धि पर नहीं पड़ता है। गार्डनर ने 10 प्रकार की बुद्धि की पहचान की है, जिनमें से प्रथम सात का प्रतिपादन 1983 ई० में किया और 90 के दशक में शोध कर तीन नई प्रकार की बुद्धियों की खोज की : भाषाई बुद्धि: भाषा को समझने, सीखने और उपयोग करने की क्षमता। तार्किक-गणितीय बुद्धि: तर्क, समस्या-समाधान और गणितीय अवधारणाओं को समझने की क्षमता। स्थानिक बुद्धि: वस्तुओं को देखने, समझने और उनमें हेरफेर करने की क्षमता। शारीरिक-गतिशील बुद्धि: शरीर को नियंत्रित करने और समन्वय करने की क्षमता। संगीत बुद्धि: संगीत को सुनने, समझने और बनाने की क्षमता। अंतःवैयक्तिक बुद्धि: दूसरों की भावनाओं को समझने और उनसे संबंध बनाने की क्षमता। अंतर्निहित बुद्धि: अपनी भावनाओं और विचारों को समझने की क्षमता। प्राकृतिक बुद्धि: प्रकृति को समझने और उससे जुड़ने की क्ष...

Time Allocation for the Secondary Stage |कक्षा 9-10 समय आवंटन

  4.4.3 माध्यमिक चरण के लिए समय आवंटन A) कार्यदिवस की शुरुआत 25 मिनट की असेंबली से होती है जिसमें कक्षा तक पहुंचने के लिए 05 मिनट का समय होता है। B) सभी विषयों की कक्षा का समय 50 मिनट है। कुछ विषयों को व्यावहारिक कार्य, गतिविधियों, प्रयोगशाला कार्य और ऐसी अन्य शैक्षणिक आवश्यकताओं के लिए 100 मिनट (1 घंटा 40 मिनट) की ब्लॉक अवधि की आवश्यकता होगी। C) छात्रों को अगली कक्षा की तैयारी के लिए संक्रमण समय 05 मिनट है। D) महीने के दो कार्य शनिवारों का शेड्यूल अन्य कार्य दिवसों की तुलना में थोड़ा अलग होता है। E) सप्ताह के दिनों में 55 मिनट का लंच ब्रेक (चित्रात्मक समय सारिणी देखें) और शनिवार को 30 मिनट का प्रावधान किया गया है। F) प्रत्येक शाम और कक्षा के बाद दो कार्य शनिवारों को एक वैकल्पिक 'अतिरिक्त संवर्धन अवधि' (एईपी) होती है। यह छात्रों के लिए पाठ्यक्रम के किसी भी विषय में संवर्धन के लिए अतिरिक्त समय के रूप में उपयोग करने के लिए है। कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा और कल्याण, और व्यावसायिक शिक्षा जैसे पाठ्यचर्या क्षेत्रों में, समूह/टीम अभ्यास, इंटरस्कूल प्रतियोगिताओं, विषय क्लबों आदि के लिए ...

Time Allocation for Primary and Middle Stage in NCF 2023

  Page No 134 4.2.1.2 6-8 वर्ष की आयु के लिए निदर्शी दैनिक/साप्ताहिक दिनचर्या 6-8 वर्ष की आयु के लिए दैनिक दिनचर्या थोड़ी लंबी और थोड़ी अधिक संरचित होगी। जबकि 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए सभी भाषा कक्षाएं एक साथ संचालित की जा सकती हैं, इस आयु वर्ग के लिए प्रत्येक भाषा के लिए समर्पित समय आवश्यक है। साक्षरता, संख्यात्मकता और कला के लिए समय के विशिष्ट ब्लॉकों को शामिल किया जा सकता है। R1 को हर दिन 90 मिनट की आवश्यकता होगी और R2 को 60 मिनट की आवश्यकता होगी। गणित और अंकगणित के लिए प्रतिदिन 60 मिनट की आवश्यकता होगी। समय की इन अवधियों को चार खंडों में व्यवस्थित किया जा सकता है। एक लंबा दिन कला, खेल और बागवानी जैसी गतिविधियों के लिए अधिक समय देगा।  नीचे दी गई उदाहरणात्मक साप्ताहिक समय सारिणी ऐसी संभावनाओं की अनुमति देती है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, गणित और आर1 में समय के ब्लॉक में गतिविधियाँ शामिल होंगी। Page No 135 धारा 4.3 प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक चरणों में समय आवंटन के लिए विचार ए) राष्ट्रीय छुट्टियों, टर्म ब्रेक और छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के लिए वार्षिक कार...