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बच्चों में संवेगात्मक विकास :John Bowlby theory

 Q. बच्चों में संवेगात्मक विकास के संदर्भ में जॉन बाल्बी का सिद्धांत क्या है ?

Ans. जॉन बाल्बी (John Bowlby) एक प्रमुख ब्रिटिश प्रारंभिक बाल विकास अध्येता थे जिन्होंने 'आसक्ति सिद्धांत' (Attachment Theory) को विकसित किया। यह सिद्धांत बच्चों के संवेगात्मक विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।


आसक्ति सिद्धांत के अनुसार, बच्चे अपने प्राथमिक देखभालक (अक्सर माता-पिता) के साथ गहरे आसक्ति की आवश्यकता महसूस करते हैं। इस संवेगात्मक आसक्ति के तत्व बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बाल्बी के सिद्धांत के अनुसार, इस आसक्ति का निर्माण चार मुख्य प्रक्रियाओं के माध्यम से होता है:

  • आसक्ति के बोंडिंग (Attachment Bonding): बच्चे एक स्थिर, नियमित और आस्तिक रिश्ता बनाते हैं अपने प्राथमिक देखभालक के साथ। यह रिश्ता सुरक्षित और आत्मविश्वास के भावनात्मक माध्यम के रूप में काम करता है।

  • आसक्ति के स्थिरीकरण (Attachment Consolidation): इसमें बच्चे अपने प्राथमिक देखभालक के साथ आसक्ति को अधिक स्थिर बनाने के लिए नवीनतम अनुभवों का आधार बनाते हैं।

  • आसक्ति की प्रतिरक्षा (Attachment Resistance): बाल्बी के मुताबिक, बच्चे अपने प्राथमिक देखभालक के साथ अगर विचारमूलक अलगाव या अन्य विपरीत प्रतिक्रिया दिखाते हैं, तो यह उनकी आसक्ति की प्रतिरक्षा हो सकती है।

  • आसक्ति के निर्वासन (Attachment Disengagement): बच्चे अपने प्राथमिक देखभालक के साथ धीरे-धीरे अलग होने की क्षमता विकसित करते हैं। इस अवधि में, वे अपनी आसक्ति को नये रिश्तों के साथ साझा करना सीखते हैं।

इस सिद्धांत के माध्यम से, बाल्बी ने बच्चों के संवेगात्मक विकास में माता-पिता या प्राथमिक देखभालक के साथ संबंध की महत्वपूर्ण भूमिका को प्राथमिकता दी।

In other words:


जॉन बॉलबी (John Bowlby) एक प्रमुख ब्रिटिश प्रेम और शिशु मनोविज्ञानी थे जिन्होंने अपने काम में अत्यधिक प्रभावशाली दृष्टिकोण विकसित किया। उनका प्रमुख क्षेत्र था बच्चों के संवेगात्मक विकास और उनके आसपासी संदर्भ।

जॉन बॉलबी का प्रमुख सिद्धांत "आसक्ति और संवेगात्मक व्यक्तित्व विकास" था। उनके अनुसार, शिशुओं की सम्पर्क-आवश्यकता एवं मात्रात्मक सुरक्षा का महत्व उनके संवेगात्मक विकास के लिए प्राथमिक है। उनका मुख्य ध्यान आसक्ति और मातृ-संवेग पर था, जिन्हें "सुरक्षा सिस्टम" के रूप में व्याख्यात किया गया।

सार संक्षेप

बॉलबी का सिद्धांत चार प्रमुख आधारों पर आधारित हैं:

  • आसक्ति (Attachment): उन्होंने कहा कि शिशुओं का आसक्ति एक प्राकृतिक आवश्यकता है, जो उन्हें माता-पिता या देखभालकर्ता के साथ मिलावट और संरक्षण के लिए प्रेरित करती है।

  • आस्था (Safe Haven): शिशु अपने आसक्ति आदान-प्रदान स्थान को एक सुरक्षित आश्रय के रूप में देखते हैं, जिसे वह किसी भी भयानक संघटना से बचने के लिए उपयोग कर सकते हैं।

  • सेक्योरिटी बेस: बॉलबी के अनुसार, शिशु जब अपने संरक्षक के साथ हैं, तो उन्हें आत्म-महसूसी, संदिग्धता, और अनुभव करने की सुरक्षा मिलती है।

  • सेक्योरिटी बेस ऑब्जेक्ट: यह उस व्यक्ति को दर्शाता है जिसके साथ शिशु अपने आसक्ति जोड़े हुए हैं। यह अद्वितीय व्यक्ति शिशु को संरक्षित बनाता है और उनके संवेगात्मक विकास को समर्थन प्रदान करता है।

बॉलबी का यह सिद्धांत शिशुओं के संवेगात्मक विकास में माता-पिता और देखभालकर्ताओं के महत्व को प्रमुखता देता है, जो उन्हें समर्थन और सुरक्षा प्रदान करते हैं।


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