सीखने का अंतर्दृष्टि सिद्धांत क्या है ?इसके प्रवर्तक कौन हैं ?
अंतर्दृष्टि सिद्धांत मनोविज्ञान का एक सिद्धांत है जो सीखने की प्रक्रिया को समझाने का प्रयास करता है। यह सिद्धांत मानता है कि सीखना अचानक और सहज होता है, और यह अनुभव और तर्क के माध्यम से होता है।
अंतर्दृष्टि सिद्धांत के मुख्य बिंदु:
अंतर्दृष्टि: यह सीखने का एक अचानक और सहज तरीका है।
समझ: यह सीखने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अनुभव: यह सीखने के लिए आवश्यक है।
तर्क: यह सीखने के लिए आवश्यक है।
अंतर्दृष्टि सिद्धांत के प्रवर्तक:
वोल्फगैंग कोहलर: जर्मन मनोवैज्ञानिक, जिन्होंने 1920 के दशक में इस सिद्धांत को विकसित किया था।
कोर्ट कोफ्का: जर्मन मनोवैज्ञानिक, जिन्होंने कोहलर के साथ काम किया था।
कार्ल डंकन: अमेरिकी मनोवैज्ञानिक, जिन्होंने इस सिद्धांत को आगे विकसित किया।
उदाहरण:
एक बंदर एक पहेली को हल करता है: एक बंदर को एक केले तक पहुंचने के लिए एक पहेली को हल करने के लिए रखा गया है। वह कई बार असफल प्रयास करता है, लेकिन फिर अचानक, उसे पता चलता है कि पहेली को कैसे हल किया जाए। वह पहेली को जल्दी से हल करता है और केले तक पहुंच जाता है।
एक छात्र एक गणित की समस्या को समझ जाता है: एक छात्र एक गणित की समस्या को समझने के लिए संघर्ष कर रहा है। वह शिक्षक से मदद मांगता है, लेकिन शिक्षक उसे कोई सीधा जवाब नहीं देता है। छात्र कुछ देर सोचता है और फिर अचानक उसे समस्या का समाधान समझ में आ जाता है। वह समस्या को आसानी से हल कर लेता है।
एक कलाकार एक नया विचार प्राप्त करता है: एक कलाकार एक नए चित्र पर काम कर रहा है। वह कई दिनों से काम कर रहा है, लेकिन उसे कोई नया विचार नहीं आ रहा है। वह थक गया है और हार मानने वाला है, लेकिन फिर अचानक उसे एक नया विचार मिलता है। वह उत्साहित होकर अपना काम जारी रखता है।
अंतर्दृष्टि सिद्धांत के आलोचना:
यह सिद्धांत अवैज्ञानिक है: यह सिद्धांत अवलोकन और प्रयोग पर आधारित नहीं है।
यह सिद्धांत सीखने के सभी पहलुओं को नहीं समझाता है: यह सिद्धांत केवल सीखने के कुछ पहलुओं को समझाता है।
अंतर्दृष्टि सिद्धांत का उपयोग:
शिक्षा: शिक्षकों को छात्रों को अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद करने के लिए रणनीति विकसित करने में मदद करता है।
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