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किंडरगार्टन शिक्षा पद्धति

            प्राइवेट स्कूलों में स्टैंडर्ड 1 से पहले दो या तीन कक्षाएँ होती हैं जिन्हें क्रमशः नर्सरी ,के० जी० 1 और के० जी० 2 के नाम से जानते हैं। लेकिन बहुत सारे लोग KG का फुलफॉर्म नहीं जानते। तो आइये जानते हैं पूरी बात।


                             किंडरगार्टन शिक्षा पद्धति की खोज फ्रेडरिक फ्रॉबेल (Friedrich Froebel) ने की थी। फ्रॉबेल एक जर्मन शिक्षाशास्त्री थे, जिन्होंने 1837 में पहला किंडरगार्टन स्थापित किया। फ्रॉबेल का मानना था कि बच्चों को प्राकृतिक और सहज रूप से सीखने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने बच्चों के लिए एक ऐसा वातावरण तैयार किया जहाँ वे खेल और गतिविधियों के माध्यम से स्वतंत्र रूप से सीख सकें।


फ्रॉबेल ने "किंडरगार्टन" शब्द का निर्माण दो जर्मन शब्दों "किंडर" (Kinder) जिसका अर्थ है "बच्चे" और "गार्टन" (Garten) जिसका अर्थ है "उद्यान" से किया था। इसका तात्पर्य था कि बच्चों को एक सुरक्षित और पोषणकारी वातावरण में पनपने का मौका दिया जाए, जैसे कि पौधों को एक उद्यान में।

किंडरगार्टन शिक्षा पद्धति छोटे बच्चों के लिए एक विशेष प्रकार की प्रारंभिक शिक्षा है, जिसमें खेल, गाने, व्यावहारिक गतिविधियाँ और सामाजिक संपर्क के माध्यम से बच्चों को सीखने के अवसर प्रदान किए जाते हैं। किंडरगार्टन शिक्षा पद्धति मुख्यतः 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए प्रयुक्त होती है। इस आयु वर्ग को प्री-स्कूल या प्रारंभिक शिक्षा का महत्वपूर्ण चरण माना जाता है। इस अवधि के दौरान, बच्चों का शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक विकास तेजी से होता है, और किंडरगार्टन पद्धति उन्हें एक संरचित और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान करती है, जिससे वे अपनी प्रारंभिक शिक्षा की नींव मजबूत कर सकें।

आयु वर्ग का विवरण:

      3 से 4 वर्ष की आयु: इस उम्र में बच्चे अक्सर प्ले स्कूल या प्री-स्कूल में प्रवेश करते हैं, जहाँ उन्हें खेल और गतिविधियों के माध्यम से सीखने के अवसर मिलते हैं। इस स्तर पर जोर बच्चों की सामाजिक, भावनात्मक, और शारीरिक विकास पर होता है।

  • 4 से 5 वर्ष की आयु: इस उम्र में बच्चे किंडरगार्टन के पहले वर्ष (जूनियर किंडरगार्टन या नर्सरी) में होते हैं। यहाँ वे बुनियादी कौशल जैसे कि भाषा, संख्याएँ, रंग, आकार, और सरल सामाजिक कौशल सीखते हैं।

  • 5 से 6 वर्ष की आयु: इस उम्र में बच्चे किंडरगार्टन के दूसरे वर्ष (सीनियर किंडरगार्टन या केजी 1 और केजी 2) में होते हैं। यहाँ उन्हें अधिक संरचित शैक्षिक गतिविधियों में संलग्न किया जाता है और वे पढ़ने, लिखने, और गणित के प्राथमिक कौशल सीखते हैं।

मुख्य उद्देश्य:

  • बच्चों को शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करना।

  • खेल और गतिविधियों के माध्यम से सीखने को मजेदार और रोचक बनाना।

  • बच्चों की रचनात्मकता, कल्पनाशीलता, और स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करना।

  • प्रारंभिक भाषा और गणितीय कौशल का विकास करना।

  • सामाजिक कौशल, जैसे कि साझा करना, समूह में काम करना, और सहयोग करना, सिखाना।


किंडरगार्टन शिक्षा पद्धति की विशेषताएँ:

  1. खेल के माध्यम से शिक्षा: बच्चों को खेल और गतिविधियों के माध्यम से सिखाया जाता है, जिससे वे सीखने को मजेदार और रोचक पाते हैं।

  2. सामाजिक विकास: बच्चों को समूह में काम करने, साझा करने, और सामाजिक नियमों का पालन करने की शिक्षा दी जाती है।

  3. रचनात्मकता और कल्पना: बच्चों की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि वे नई चीजें सोचने और बनाने में सक्षम हों।

  4. हाथों से सीखना: बच्चों को विभिन्न वस्तुओं और सामग्रियों के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे उनकी मोटर स्किल्स और समझ विकसित होती है।

मूल्य और नैतिक शिक्षा: बच्चों को नैतिक और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है, जैसे कि ईमानदारी, सम्मान, और सहानुभूति।

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