सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Montessori education system & schools

 मारिया मोंटेसरी, जिनका पूरा नाम डॉ. मारिया तेरेज़ा राजा अनास्तासिया मोंटेसरी था, इटली की एक प्रसिद्ध अध्यापिका और शिक्षाशास्त्री थीं। उन्होंने विश्वभर में मार्गदर्शक रूप में माना जाता है जिन्होंने बच्चों के शिक्षा के क्षेत्र में एक नई परंपरा स्थापित की।



मारिया मोंटेसरी 1870 में इटली के छोरों में पैदा हुईं। उन्होंने नैनोसीति यूनिवर्सिटी से चिकित्सा में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद वे बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रेरित हुईं।


मोंटेसरी ने अपने शैक्षिक सिद्धांतों को पहली बार 1907 में रोम में लागू किया, जहां उन्होंने एक नवाचारी शिक्षा केंद्र की स्थापना की। उनकी विशेष ध्यानाकर्षण क्षमताओं और अद्वितीय शैक्षिक दृष्टिकोण ने शीघ्र ही लोगों का ध्यान आकर्षित किया।इसके अतिरिक्त निम्न संस्थाएं उनके विचारों और कार्यों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ा रहीं हैं : 

  (1) Association Montessori Internationale (AMI): AMI एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो मारिया मोंटेसरी की विचारधारा और शैक्षिक अधिकारिता को प्रोत्साहित करता है। यह ग्लोबल नेटवर्क शिक्षकों, स्कूलों, और प्रशिक्षण केंद्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण मोंटेसरी शैक्षणिक संसाधन प्रदान करता है

  (2)American Montessori Society (AMS): अमेरिकन मोंटेसरी सोसायटी भी एक बड़ा संगठन है जो मोंटेसरी शैक्षा को प्रोत्साहित करता है। यह अमेरिका में मोंटेसरी शिक्षा के प्रचार और प्रसार का कार्य करता है और शिक्षकों और स्कूलों को समर्थन प्रदान करता है।

   (3)International Montessori Index (IMI): IMI एक अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो मोंटेसरी शिक्षा को प्रमोट करता है और मार्गदर्शन प्रदान करता है। यह ग्लोबल संगठन भी विभिन्न शिक्षकों और संस्थाओं के लिए संबंधित संसाधनों को प्रदान करता है।


मोंटेसरी शिक्षा पद्धति एक अनूठी शैक्षणिक दिशा है जो मरिया मोंटेसरी द्वारा विकसित की गई थी। इस पद्धति का मुख्य उद्देश्य बच्चों के स्वाभाविक विकास को समझना और समर्थन करना है। यह एक प्राथमिक शिक्षा पद्धति है जो बच्चों के मानसिक, शारीरिक, और आत्मिक विकास को समझने और समर्थन करने के लिए विभिन्न विधाओं का उपयोग करती है।


मोंटेसरी शिक्षा की विशेषता समावेशी शैक्षणिक वातावरण, स्वतंत्रता और स्वायत्तता को प्रोत्साहित करने, स्वाभाविक रूप से शिक्षा के लिए इंगित करने, और विभिन्न विषयों में विशेष रूप से बच्चों के प्राथमिक रूप से रुचि और उत्साह को बढ़ाने में है।


मोंटेसरी शिक्षा बालकों के प्रारंभिक जीवन के पहले पांच वर्षों के लिए विशेष रूप से अनुकूल है, लेकिन कई स्थापनाएँ उससे आगे भी छात्रों को शिक्षित करने के लिए मोंटेसरी प्रणाली का उपयोग करती हैं। यह शिक्षा पद्धति बच्चों को अधिकतम स्वतंत्रता और स्वायत्तता के साथ सीखने की अनुमति देती है, जिससे उनका संज्ञान, समझ, और उत्प्रेरणा बढ़ता है।

 भाषायी कौशल विकसित करने का क्रम ⇒ मोंटेसरी शिक्षा पद्धति में, भाषायी कौशलों को विकसित करने के लिए कई प्रक्रियाएं और क्रियाएं होती हैं। निम्नलिखित क्रम में मोंटेसरी शिक्षा के अनुसार बच्चों के भाषायी विकास का प्रक्रम होता है:


1. **सुनना (Listening)**: बच्चों को पहले उनकी ध्यान केंद्रित करने के लिए सुनने का अभ्यास किया जाता है। यह उन्हें वर्णमाला, शब्द, और वाक्यों की ध्वनियों को पहचानने में मदद करता है।


2. **बोलना (Speaking)**: बच्चों को अगले स्तर पर अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया जाता है। यह उन्हें अपनी भाषा का उपयोग करने की क्षमता विकसित करता है।


3. **पठन (Reading)**: बच्चों को वाचन कौशल विकसित करने के लिए ध्यान दिया जाता है। वे पाठों को पढ़कर समझने के लिए प्रेरित किए जाते हैं।


4. **लेखन (Writing)**: बच्चों को अपने विचारों को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह उनकी भाषा और व्याकरण कौशलों को सुधारता है।

(संक्षेप में इस अनुक्रम को LSRW कहते हैं )


मोंटेसरी स्कूलों की संरचना में कुछ महत्वपूर्ण तत्व होते हैं जो इन्हें अन्य शैक्षिक संस्थाओं से अलग करते हैं।

मोंटेसरी स्कूल की मॉडल संरचना के विभिन्न पहलु

1. **मिश्रित आयु समूह**: मोंटेसरी स्कूलों में विभिन्न आयु समूहों के बच्चे साथ-साथ पढ़ाई करते हैं। यह समूहों को सहयोग और सहभागिता के माध्यम से सीखने की संवेदनशीलता को बढ़ाता है।


2. **स्वतंत्रता और स्वायत्तता**: मोंटेसरी स्कूल में बच्चों को स्वतंत्रता और स्वायत्तता की प्रोत्साहना की जाती है। उन्हें अपने विद्यालय के भीतर स्वतंत्रता से चुनने की स्वतंत्रता मिलती है और वे अपने अध्ययन के विभिन्न पहलुओं पर निर्णय लेते हैं।


3. **शिक्षक के स्तर का समान महत्व**: मोंटेसरी स्कूलों में शिक्षकों को बच्चों के गुरु और मार्गदर्शक के रूप में देखा जाता है। वे बच्चों के प्रत्येक विकास को संवेदनशीलता से निगरानी करते हैं और उनके विद्यालय में आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करते हैं।



4. **संरचित और सुनिश्चित शिक्षा सामग्री**: मोंटेसरी स्कूलों में, शिक्षा सामग्री को ध्यान से संरचित किया जाता है ताकि बच्चे आत्मविश्वास से सीख सकें और उनके विकास को समर्थन किया जा सके।


5. **प्राकृतिक और गतिशील शिक्षा का माहौल**: मोंटेसरी स्कूलों का माहौल प्राकृतिक, शांत, और गतिशील होता है। वे अपने कक्षाओं को शांतिपूर्ण, सुरक्षित, और गतिशील बनाने का प्रयास करते हैं ताकि बच्चे स्वतंत्रता से सीख सकें।


इन सभी पहलुओं से प्रेरित होकर, मोंटेसरी स्कूल संरचना एक स्थायी, सुरक्षित और अनुकूल वातावरण उत्पन्न करती है जो बच्चों के संपूर्ण विकास को समर्थन करता है।

इस प्रकार, मोंटेसरी शिक्षा पद्धति के अनुसार, बच्चों के भाषायी विकास को एक स्वाभाविक और प्रोत्साहक प्रक्रिया में विकसित किया जाता है जो उन्हें स्वतंत्रता और स्वायत्तता के साथ सीखने की संभावना प्रदान करता है।मारिया मोंटेसरी का योगदान शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है, और उनकी शैक्षिक विचारधारा आज भी बच्चों के लिए एक आदर्श मानी जाती है।Know more

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत:Vygotsky's theory of cognitive development

  वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत : सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत के नाम से भी जाना जाने वाला, वाइगोत्सकी का सिद्धांत यह बताता है कि बच्चों का संज्ञानात्मक विकास सामाजिक और सांस्कृतिकपरिस्थितियों से गहराई से प्रभावित होता है। सिद्धांत की मुख्य अवधारणाएं: सांस्कृतिक उपकरण: भाषा, प्रतीक और प्रौद्योगिकी जैसे साधन जो सोच को आकार देते हैं। सामाजिक संपर्क: ज्ञान और कौशल का विकास, अनुभवी व्यक्तियों (जैसे माता-पिता, शिक्षक) के साथ सहयोग और बातचीत के माध्यम से होता है। समीपस्थ विकास का क्षेत्र (ZPD): विकास की क्षमता का स्तर जो स्वतंत्र रूप से प्राप्त करने से अधिक है, सहायता के साथ प्राप्त किया जा सकता है। Saffolding: अधिक जानकार व्यक्ति द्वारा प्रदान किया गया समर्थन जो बच्चों को ZPD में कार्यों को पूरा करने में मदद करता है। आंतरिक भाषण: सोचने का एक आंतरिक रूप जो भाषा के माध्यम से विकसित होता है। सिद्धांत का महत्व: शिक्षा में, ZPD और Saffolding की अवधारणाएं अनुदेशात्मक रणनीतियों को सूचित करती हैं जो छात्रों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करती हैं। यह सहयो...

किंडरगार्टन शिक्षा पद्धति

             प्राइवेट स्कूलों में स्टैंडर्ड 1 से पहले दो या तीन कक्षाएँ होती हैं जिन्हें क्रमशः नर्सरी ,के० जी० 1 और के० जी० 2 के नाम से जानते हैं। लेकिन बहुत सारे लोग KG का फुलफॉर्म नहीं जानते। तो आइये जानते हैं पूरी बात।                              किंडरगार्टन शिक्षा पद्धति की खोज फ्रेडरिक फ्रॉबेल (Friedrich Froebel) ने की थी। फ्रॉबेल एक जर्मन शिक्षाशास्त्री थे, जिन्होंने 1837 में पहला किंडरगार्टन स्थापित किया। फ्रॉबेल का मानना था कि बच्चों को प्राकृतिक और सहज रूप से सीखने का मौका मिलना चाहिए। उन्होंने बच्चों के लिए एक ऐसा वातावरण तैयार किया जहाँ वे खेल और गतिविधियों के माध्यम से स्वतंत्र रूप से सीख सकें। फ्रॉबेल ने "किंडरगार्टन" शब्द का निर्माण दो जर्मन शब्दों " किंडर" (Kinder) जिसका अर्थ है "बच्चे" और "गार्टन" (Garten) जिसका अर्थ है "उद्यान" से किया था। इसका तात्पर्य था कि बच्चों को एक सुरक्षित और प...

अधिगम क्या है ?

  अधिगम क्या है ? अधिगम (Learning) एक ऐसा प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति नए ज्ञान, कौशल, व्यवहार और दृष्टिकोण को प्राप्त करता है, समझता है और उसे लागू करता है। यह प्रक्रिया विभिन्न तरीकों से हो सकती है, जैसे कि अनुभव, अध्ययन, अनुदेश, और अभ्यास के माध्यम से। अधिगम की प्रक्रिया में ये मुख्य तत्व शामिल होते हैं: 1. प्राप्ति (Acquisition): नए जानकारी या कौशल को ग्रहण करना। 2. समझना (Understanding): प्राप्त की गई जानकारी या कौशल को समझना और उसका अर्थ निकालना। 3. स्मृति (Memory): जानकारी या कौशल को याद रखना और समय के साथ उसे सहेजना। 4. अनुप्रयोग (Application): सीखी गई जानकारी या कौशल को वास्तविक जीवन में लागू करना। 5. विश्लेषण (Analysis): सीखी गई जानकारी या कौशल का विश्लेषण और उसका आकलन करना। 6. सृजन (Creation): नए विचारों, उत्पादों या दृष्टिकोणों का निर्माण करना। अधिगम का अध्ययन विभिन्न शैक्षिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोणों से किया जाता है, और यह प्रक्रिया व्यक्ति के जीवनभर चलती रहती है। अधिगम की कई परिभाषाएँ हैं, जो विभिन्न विद्वानों और शोधकर्ताओं द्वारा दी गई हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण परिभा...